
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना ने शुरू होते ही साफ कर दिया— प्रशांत किशोर के लिए यह ‘जनसुराज यात्रा’ नहीं, बल्कि ‘जनहलचल यात्रा’ बन गई! जिस PK ने देशभर के नेताओं को जीत की रणनीति दी, वही अपनी पहली चुनावी परीक्षा में ‘फेल’ हो गया। नई पार्टी, बड़ा दावा, 243 उम्मीदवार… लेकिन नतीजे बोले— “Strategy guru ≠ जमीनी नेता।”
PK का दावा: उड़ान भरेंगे!
नतीजा: Runway पर ही फिसल गए…रैलियों में PK कहते थे— “या तो बहुत ऊपर जाएंगे या बिल्कुल नीचे गिरेंगे।”
चुनाव ने दूसरा विकल्प चुन लिया और वो भी बिना हिचकिचाहट!
मुद्दे उठाए—पलायन, बेरोजगारी, सिस्टम की खामियाँ…लेकिन जनता बोली— “मुद्दे अच्छे थे, पर भरोसा नहीं बना!”
वोटों में नहीं बदले ‘Issues’
(बिहार में Excel से ज्यादा मायने रखते हैं Equations) प्रशांत किशोर का कैंपेन मुद्दों पर आधारित था— लेकिन बिहार मुद्दों से ज़्यादा माहौल और जातीय पहचान पर वोट करता है।
PK ने ground-level पर बात तो की, पर वोटरों की मनोविज्ञान की डोर नहीं पकड़ पाए। जनता ने कहा— “भाषण ठीक, पर भरोसा ZERO।”
243 सीटों पर कैंडिडेट = 243 जगह बिखरा वोट
नई पार्टी का सबसे बड़ा Gamble— पूरे प्रदेश में कैंडिडेट उतारना। नतीजा? वोट भी बिखरे, कैडर भी बिखरा, और फोकस भी! बिहार caste-driven politics है— यहाँ SELECTIVE STRIKE से फायदा मिलता है, FULL SWEEP ATTEMPT से नुकसान।
Strong Faces का अभाव – PK ने खुद भी चुनाव नहीं लड़ा
जनता को PK से उम्मीद थी कि वह खुद भी मैदान में आएंगे, लेकिन वो अपनी टीम भेजकर खुद चुनाव से दूर रहे। बिहार के वोटर ने संकेत दिया— “नेता खुद मैदान में नहीं आया तो भरोसा क्यों करें?”
जनसुराज के पास कोई established local face नहीं था। Public ने PK को strategist माना, नेता नहीं।
Internal Rebellion – टिकट न मिलने वालों ने किया बवाल
बिहार की राजनीति में टिकट कटना बड़े नेताओं को भी रुला देता है। PK की पार्टी में टिकट न मिलने पर mini revolt हो गया। कुछ दूसरी पार्टियों में गए, कुछ Independent बन गए… और पार्टी कैडर को लगा— “हमारी ही टीम हमारी दुश्मन बन गई।”

जातीय समीकरणों को न समझना – सबसे बड़ी रणनीतिक चूक
PK का पूरा चुनाव मुद्दों पर आधारित था। लेकिन बिहार की राजनीति की ABCD = Caste
RJD ने MY समीकरण पकड़े JDU ने EBC + महादलित BJP ने OBC + Upper Caste
और PK? “हम मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे” मोड में थे। जनता ने कहा— “यहाँ जाति की पॉलिटिक्स है बाबू, TED Talk नहीं।”
PK का भावनात्मक भाषण vs जनता का Practical Vote
PK बोले— “मैं बिहार को बदल दूँगा!”
जनता बोली— “पहले अपनी सीट जीत लो, फिर बिहार देखना।”
PK बोले— “System खराब है।”
EVM बोली— “Result और खराब कर दूँ क्या?”
अब PK और जनसुराज का भविष्य क्या?
हार गहरी है, लेकिन राजनीतिक संभावनाएँ खत्म नहीं। PK अगर जातीय समीकरण, स्थानीय चेहरे और जमीनी नेटवर्क बनाएँ… तो 2025 नहीं, लेकिन 2030 में Play Comeback कर सकते हैं। फिलहाल verdict साफ— PK का Model स्मार्ट है, पर बिहार की पॉलिटिक्स उससे भी ज्यादा स्मार्ट!
“किंग भी वही, कमबैक किड भी वही — नीतीश और चिराग की डबल जीत!”
